बल्लभगढ़
सरकार ने गेहूं खरीद की जो नीति बनाई है, उससे आढ़ती चितित हैं। मंडी में सभी आढ़तियों के पास समान रूप से किसान फसल लेकर नहीं आते। कोरोना संक्रमण को लेकर शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए एक दिन में एक आढ़ती दो किसानों को गेहूं लेकर मंडी में बुला रहा है। सरकार की इस नीति से आढ़ती और किसान दोनों परेशान हैं। बल्लभगढ़ मंडी में कई आढ़ती ऐसे हैं, जिनके पास किसानों की संख्या हजार में है। ऐसे आढ़ती समय पर अपने किसानों का पूरा अनाज कैसे खरीद पाएंगे। आढ़तियों की मांग है कि सरकार को गेहूं क्रय नीति बदलनी चाहिए, ताकि सभी किसानों की फसल की खरीद हो सके। हमारे पास करीब 1000 किसान हर वर्ष अनाज लेकर आते हैं। एक दिन में यदि दो किसान बुलाए जाएंगे, तो इस हिसाब से सभी किसानों की गेहूं की खरीद के लिए कई माह लग जाएंगे।
-रामू गोयल, आढ़ती मार्केट कमेटी के अधिकारियों को मंडी के आढ़तियों के काम के बारे में पूरी जानकारी है। आढ़ती के काम के अनुसार किसानों की संख्या अनाज लेकर बुलानी चाहिए, तभी काम निबटेगा।
-सुभाष चंद्र गोयल, आढ़ती किसानों को गेहूं लेकर बुलाने की नीति हरियाणा मार्केटिग बोर्ड की है। उनके पास ही पोर्टल पर किसानों का पंजीकरण है। किसानों की फसल पूरी खरीद होगी या नहीं, मार्केटिग बोर्ड ही तय करेगा। उसे किसानों की संख्या के हिसाब से गेहूं लेकर बुलाना चाहिए।
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